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पस्ु तकालय म ें नया सग्रं ह

8 Aug 2022

ऄनमोल प्रसगं/ सधुा मरू्तत प्रख्यात कन्नड सामहत्यकार श्रीमती सुधा मूर्तत का नाम सामहत्याकाश में जाज्वल्यमान् नक्षत्र की भांमत अलोदकत ह।ै ईन्होंने ऄपने व्यमित्व को मात्र गृहस्थी के साँचे म ें नहीं ढलने ददया। वह ऄपनी नसों म ें मशक्षक के खून के साथ जनमी थीं, परंतु वह मशक्षकों की भीड़ म ें मसिफ एक और चेहरा बनकर ही नहीं रहीं। वह जनजातीय वनों, गरीबी से पीमड़त गाँवों और बीमाररयों से तबाह समुदायों म ें गईं।. [...] कश्मीर: आमतहास और परम्परा/ कुमार मनमलफ ेन्द ु नीलमत परुाण' म ें कहा गया ह ैदक कश्मीर स्वाध्याय एवं ध्यान म ें मग्न रहनेवाले और मनरन्तर यज्ञ करनेवालों की भूमम रही ह।ै यह महमालय-पवफतमाला की गोद म ें बसा एक सुरम्य प्रदेश ह।ै लेदकन ऄपनी दगुमफ भौगोमलकता के कारण यह बाह्य- जगत् की पहुचँ से दरू रहा ह।ै प्राचीन काल म ें कश्मीर प्रदेश गन्धार जनपद के ऄन्तगफत अता था। सातवीं शताब्दी इ .के प्रारम्भ म ें यहाँ ना. [...] म ें शाहमीर नामक एक मुसलमान ने कश्मीर के ससहासन पर कब्जा कर मलया। कल्हण न े'राजतरंमगणी' में लमलताददत्य से कहलवाया ह ैदक ''आस देश को सुशामसत तथा प्रगमतशील बनाय ेरखने के मलए ऄन्तकफलह से बचना अवश्यक ह।ै'' आसके कारण कश्मीर ने भारी कीमत चुकाइ ह।ै 'नीलमत परुाण' साक्षी ह ैदक महर्तष कश्यप के समय से ही कश्मीर के स्थानीय लोगों न ेमवस्थापन की गहरी पीड़ा को महसूस दकया ह ैऔर अधुमनक काल म ें कश्मीरी महन्दओुं को. [...] एजंले्स एडं मडमन्स/ डैन ब्राईन मस्वटजरलैंड के एक मवश्व मवख्यात संस्थान के वैज्ञामनक की मनमफम हत्या कर दी जाती ह ैऔर ईसकी छाती पर रहस्यमय मचह्न पाया जाता ह।ै ईधर रोम के वेरटकन म ें कार्तडनलों का समूह नए पोप के चुनाव के मलए आकट्ठा होता ह।ै वहीं पर कहीं जमीन के नीचे एक ऄत्यमधक मवस्िोटक क्षमता वाला बम रखा हुअ ह ैजो कुछ ही देर म ें िटन ेवाला ह।ै वि बहुत कम ह।ै हारवडफ के प्रोिेसर रॉबट फ लैंग्डन को ईन प्. [...] सावरकर: काला पानी और ईसके बाद’ /ऄशोक कुमार पाडंये यह दकताब एक सावरकर से दसूरे सावरकर की तलाश की एक शोध-मसद्ध कोमशश ह।ै सावरकर की प्रचमलत छमवयों के बरक्स यह दकताब ईनके िांमतकारी से राजनेता और दिर महन्दतु्व की राजनीमत के वैचाररक प्रमतमनमध तथा पुरोधा बनने तक के वास्तमवक मवकास िम को समझने का प्रयास करती ह।ै आसके मलए लेखक ने सावरकर के ऄपने मवपलु लेखन के ऄलावा ईनके सम्बन्ध म ें ममलने वाली तमाम पसु्तकों,.

Authors

RamKaran

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Published in
India
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