ररज़ल माग,च र्ाणक्यपुरी, नई दिल्ली - 110021, भारत अनुशमां सत उद्धरि: डालमिया जी। (2021)। भारत का आगािी दशक: कुछ भववष्यवाणणयां, कुछ अनुमान(CSEP वर्किं ग पेपर 16)। नई दिल्ली: िी सेंटर फॉर सोशल एांड इकनोमिक प्रोगे्रस दी सेंटर फॉर सोशल एांड इकनोमिक प्रोगे्रस (CSEP) गहन नीतत-प्रासंगगक अनुसधं ान करता है और भारत और ितुनया के सामने आने वाली र्ुनौततयों के मलए साक्ष्य-आधाररत मसफाररशें प्रिान करता है। यह अनु. [...] भारतीय उपभोक्ता का पररचािन उत्तोिन एक प्रबि शक्क्त होगी क्जस सिय आधथका पररक्स्थततयों िें अपररहाय ा उतार-चढाव हो रहे होंगे, उसी सिय एक िजबूत एक हदशा िें बहन ेवाली अनुकूल हवा (यूतनडायरेतशनल टेलववडां ) भी िौजूद होगी जो अत्यतां अनकूु ल होगी। ि ैं इसे भारतीय उपभोतता का पररचालन उत्तोलन कहता हूाँ। अधधकतर भारतीयों के वावषका आय के प्रत्येक 100 रुपये िें स े80 रुपये हदन-प्रततहदन के व्ययों पर खच ा हो जाते है. [...] स्मार्व नीतत समाधान और स्िालमत्ि की भािना महत्िपूि व होगी िेरी पीढी भाग्यशाली रही है र्क हिने अपने कामकाजी जीवन की शरुु आत 1991 के सधुारों जैसे-जैसे भारत अपने समाजिादी झुकाि को के बाि की। भारत की ववकास दर तेजी स ेऊपर की ओर बढने लगी थी। जैसे-जैसे भारत छोड़ता गया और मुक्त बाजारों की अपने सिाजवादी झुकाव को छोड़ता गया और ितु त बाजारों की गततशीलता को आत्िसात गततशीिता को आत्मसात करता गया, िाम- करता गया, व. [...] कारविाई राजनीतत और अथशव ास्र के चौराहे पर होगी एक कहावत है र्क "अिशच ाथत्र अिशच ास्थत्रयों के मलए छोड़ दिया जाना बहुत िहत्वपूि ा होता है"। इस ेअक्सर ववथंटन र्गर्लच द्वारा कहा गया बताया जाता है, लेर्कन यहां म ैं यूसी बकच ले अकािमी के और स्क्लंटन प्रशासन िें पूव ा श्ि सधचव रॉबटा रीच की प्रमसद्ध िौमलक र्कताब का क्जक्र कर रहा हूां। उन्होंने बाद के चरि के पूजां ीवाद के युग िें क्जसिें हि रहत ेह,ैं सरका. [...] PDF .
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